"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" और "हिटलर"
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"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" के बिरोधी लोग अक्सर, "संघ" पर "हिटलर" का समर्थक होने का आरोप लगाकर, संघ की आलोचना करते रहते हैं. मुझे नहीं पता कि - इस बात में कोई सच्चाई है अथवा नहीं, लेकिन उस दौर के इतिहास को पढने के बाद, एक भारतीय होने के नाते, मैं हर उस व्यक्ति, संस्था और देश का सम्मान करना चाहूँगा जो हिटलर का समर्थक था.
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हिटलर उस समय के हमारे सबसे बड़े दुश्मन अंग्रेजों का मेशा ही मित्र होता है. हिटलर को आप कितना भी बुरा कह लें, लेकिन वो भारत का दुश्मन हरगिज नहीं था. हिटलर का समर्थन और सहयोग तो तो हमारे "नेताजी सुभाष चन्द्र बोस" भी करते थे क्योंकि हिटलर हिन्दुस्तान के सबसे बड़े दुश्मन अंग्रेजों का दुश्मन था.
दुश्मन था और दुश्मन का दुश्मन ह
भारत में हिटलर का बिरोध केवल अंग्रेजों के वो पिट्ठू करते थे, जो अंग्रेजों को दिल और दिमाग से अपना मालिक स्वीकार कर चुके थे. अंग्रेजों के वो मानसिक गुलाम हिटलर तो क्या भारतीय क्रांतिकारियों तक को भी कभी पसंद नही करते थे. भारतीयों द्वरा हिटलर के बिरोध का तो कोई कारण ही नहीं बनता है. हिटलर ने क्या कभी भारत को कोई नुकशान पहुंचाया ?

संघ को बुरा बताने के लिए अगर कोई, संघ को हिटलर समर्थक बताता हैं तो वह उसकी बुराई नहीं बल्कि तारीफ़ करता है. उस दौर में अंग्रेजों का हर शत्रु भारत का मित्र माना जाना चाहिए. अगर आप "संघ" पर "हिटलर" के बिचारों का समर्थन करने का आरोप लगाकर आलोचना करते हैं तो "नेताजी सुभाष चन्द्र बोस" द्वारा हिटलर का साथ देने पर आप क्या कहेंगे?
विश्वयुद्ध में अंग्रेजों को हराने के लिए "नेताजी सुभाष चन्द्र बोस" और उनकी "आजाद हिन्द फ़ौज" द्वारा हिटलर का साथ देने को आप सही मानते हैं या फिर गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी द्वारा अंग्रेजों का साथ देने को. गाँधीजी के कहने पर अंग्रेजो की ओर से लड़ने वाले और आजाद हिद फ़ौज के स्वाधीनता सेनानियों को मारने वाले सैनिक गद्दार माने जाते हैं.
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