Wednesday, 14 December 2016

पापिस्तान की युद्ध की धमकी

पापिस्तान में न पहले कभी कोई दम था और न ही आज कोई दम है. पापिस्तान किसी भी क्षेत्र में भारत से बरावरी करने के लायक नहीं है. इसलिए छुप-छुप कर आतंकी हमले करके तथा भारत में बैठे गद्दारों और देशद्रोहियों से भारत बिरोधी बयान दिलवाकर भारत से बरावरी का नाटक करता रहता था.
इस क्षेत्र में चीन भी भारत को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वन्दी मानता है और भारत को रोकने के लिए उसने पापिस्तान को हथियार बनाया हुआ है. पापिस्तान के आगे बोटियाँ डालकर चीन ने उसे कुत्ते की तरह अपना पालतू बनाया हुआ है. चीनी भीख और गद्दार भारतीयों के दमपर ही पापिस्तान अब तक उछल रहा था.
न तो पापिस्तान के पास, भारत के टक्कर की कोई सेना है और न ही संसाधन. भीख में मिले बेहतरीन हथियार भी अकुशल सैनिको के किसी काम नहीं आते. 1965 की लड़ाई में हम देख भी चुके है कि- अमेरिका के बेहतरीन पैटर्न टैक और पनडुब्बी भी बेकार सैनको के हाथ में भारतीय सेना का सामना भी नहीं कर पाए थे.
पापिस्तान के नेता और भारत के गद्दार बुद्धिजीवी अपने बयानों से हौवा खडा करने में लगे थे कि- पपिस्तान न्यूक्लियर बम फोड़ देगा, जबकि वास्तविकता है कि न तो पापिस्तान के पास न्यूक्लियर बम है और न ही कोई मिसाइल. चीन से मिली मिसाइल छोड़कर और न्यूक्लियर बन का खोल दिखाकर भ्रम दिखा रहा है.
भारत ने पापिस्तान की सीमा में घुसकर आप्रेशन किया और आज पापिस्तान के अन्दर उसका जबाब देने की तो क्या उसको स्वीकारने तक की हिम्मत नहीं हो पा रही है. क्योंकि अगर वो स्वीकारता है तो उसे बराबरी दिखाने के लिए जबाब देना होगा, जिसकी न तो उसके पास क्षमता है और न ही हौसला.
भारत के सामने, पापिस्तान की हैशियत वही है जो "मोदी" के सामने "केजरीवाल" की है. जिस तरह केजरीवाल अपने आपको बड़ा नेता दिखाने के लिए मोदी पर फ़ालतू के , जुबानी हमले करता रहता है उसी तरह पापिस्तान भी अपने आपको महत्वपूर्ण राष्ट्र के लिए भारत से दुश्मनी प्रदर्श्तित करता रहता है.

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