Wednesday, 14 December 2016

पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14-अगस्त?

पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14-अगस्त को क्यों मनाता है ?
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भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाता है लेकिन पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14-अगस्त को मनाता है. भारत के लोगों की तो छोडिये, पापिस्तान तक के लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं है. पाकिस्तान की जनता भी अनजाने में गर्व से कहती फिरती है कि - उनका देश भारत से एक दिन पहले आजाद हो गया था.
पूरा हिन्दुस्थान ( भारत +पाकिस्तान ) एक साथ एक ही समय आजाद हुआ था और इसकी आधिकारिक घोषणा लालकिले की प्राचीर से की गई थी. पाकिस्तान की आजादी की घोषणा अलग से नहीं की गई थी. 14-अगस्त-1947 की रात को 12 बजे का गजर बजते ही, पूरे हिंदुस्थान (भारत+पाकिस्तान) को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद मान लिया गया था.
पाकिस्‍तान के पहले पोस्‍टल स्‍टांप में भी, 15 अगस्‍त ही मुल्‍क के स्‍वतंत्रता दिवस के रूप में लिखा गया. आज भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, रेडियो पाकिस्तान, हर साल "जिन्ना" द्वारा दिया गया, जो राष्ट्र के नाम पहला बधाई संदेश सुनाता है, उसमे भी वो कह रहे होते हैं कि -"15 अगस्त की आज़ाद सुबह पूरे राष्ट्र को मुबारक हो ".
उसके बाबजूद पाकिस्‍तान अपना स्वतंत्रता दिवस भारत के साथ 15-अगस्त को नहीं मनाता है, इसकी एक नहीं बल्कि कई बजहें हैं.पाकिस्‍तान का जन्म ही, भारत के साथ उसकी ईर्ष्या और नफरत के कारण हुआ था. उसके बाद आजाद होते ही, कश्मीर के कबायली युद्ध में भारत से मिली पराजय से उसकी नफरत और ज्यादा बढ़ गई थी.
पापिस्तान का हमेशा प्रयास रहता था कि - वह अपने को भारत से अलग दिखाए. इसके अलावा जिन्नाह को 15-अगस्त की तारीख से नफरत की एक और बजह भी थी. जिस जिन्नाह के कारण भारत टूटा, हजारों लोग मारे गए, लाखों लोग बेघर हुए, करोड़ों की सम्पत्ति स्वाहा हो गई, उस जिन्नाह की बेटी ने पापिस्तान जाने से इनकार कर दिया था.
जिन्नाह की इकलौती बेटी "डीना" ने पारसी व्यवसायी "नेविल वाडिया" ( बाम्बे डाइंग के मालिक और नुस्ली वाडिया के पिता) से विवाह करके भारत में रहने का फैसला कर लिया था. इस बात पर जिन्नाह को बहुत ही शर्मिंदगी थी. "डीना" का जन्मदिन भी 15-अगस्त को होता था और बेटी से नाराजगी के कारण वे इस दिन को सेलीब्रेट नहीं करना चाहते थे.
इसी बीच जब दोनों देशो ( भारत - पाकिस्तान) का अंतर्राष्ट्रीय टाइम सेट किया गया, तो उसे भारत से आधा घंटा पीछे रखा गया. लियाकत अली खान ने जिन्नाह से कहा कि - पिछले बर्ष जब आजादी मिली थी, तो हमारे नए टाइमजोन के हिसाब से हमारे यहाँ रात के 11.30 हो रहे थे अर्थात उस समय तक 14-अगस्त थी.
इसके अलावा संयोग से 14 अगस्त 1948 को, रमजान का 27वां दिन पड़ रहा था , जो कि इस्‍लामी कैलेंडर के अनुसार एक खास और पवित्र दिन "शब-ए-कद्र" कहलाता है. इन सभी बातों के कारण पाकिस्तान ने एक दिन पहले स्‍वतंत्रता दिवस मनाने का निर्णय लिया था. उसके बाद हमेशा के लिए पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14-अगस्त मान लिया गया.
लेकिन अनाधिकृत स्तर पर पाकिस्तान में भी यह झूठ फैलाया गया कि - पाकिस्तान भारत से एक दिन पहले आजाद हो गया था. इसलिए पाकिस्तान की आम जनता तक यही समझती है कि - पाकिस्तान भारत से एक दिन पहले आजाद हो गया था और इस बात को लेकर अक्सर अपने मिथ्याभिमान का प्रदर्शन करती रहती है .

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