
इसके तहत भारतीय नेवी ने पाकिस्तान नेवी के कराची बंदरगाह स्थित मुख्यालय को निशानाबना हमला बोला था.नौसेना के इस हमले को "आप्रेसन ट्राइडेंट" का नाम दिया गया था. ट्राइडेंट का मतलब होता है त्रिशूल. इसमें 3 मिसाइल बोट्स का इस्तेमाल किया गया था, जिनके नाम थे- "आईएनएस निपट", "आईएनएस निर्घट" और "आईएनएस वीर".
नौसेना प्रमुख एडमिरल एस.एम. नंदा के नेतृत्व में ऑपरेशन ट्राइडेंट का प्लान बनाया गया था. इस टास्क की जिम्मेदारी 25वीं स्क्वॉर्डन कमांडर बब्रभान यादव को दी गई थी. आपरेशन के दौरान बब्रभान यादव खुद भी "आईएनएस निपट" पर मौजूद रहे. इस यु्द्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था.
रात 9 बजे के करीब भारतीय नौसेना ने कराची की तरफ बढ़ना शुरू किया. रात 10:30 पर कराची बंदरगाह पर पहली मिसाइल दागी गई. 90 मिनट के भीतर पाकिस्तान के 3 नेवी शिप ( पी.एन.एस. खैबर, पीएनएस चैलेंजर और पीएनएस मुहाफिज ) डूब गए और 2 बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. कराची तेल डिपो आग शोलों में घिर गया था.

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