
चीन ने सिक्किम पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी, नाथू ला और चो ला फ्रंट पर ये युद्ध लड़ा गया था, चीन को एसा करारा जवाब मिला था कि चीनी भाग खड़े हुये थे, इस युद्ध में 88 भारतीय सैनिक बलिदान हुये थे और 400 चीनी सैनिक मारे गए थे. इस युद्ध के बाद ही सिक्किम भारत का हिस्सा बना था.
इस युद्ध के समय में पूर्वी कमान को सेम मानेकशा संभाल रहे थे. इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह, मेजर हरभजन सिंह. गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर देवीप्रसाद ने कमाल कर दिया था, जब गोलिया ख़तम हो गयी थी तो इन गुर्खो ने कई चीनियों को अपनी खुर्की से ही काट डाला था.
कई गोलिया शरीर में लिए हुए मेजर जोशी ने चार चीनी ऑफिसर को मारा था. वैसे तो कई और हीरो भी है पर ये कुछ वो नाम है जिन्हें वीर चक्र मिला और इनकी वीरगाथा इतिहास बनी. दुःख की बात है कि बहुत कम भारतीयों को इसके बारे में पता है. ...जय हिन्द. -
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