Sunday, 28 May 2017

गौ-ह्त्या का उद्देश्य

गौ-ह्त्या का उद्देश्य : सस्ता मांस नहीं बल्कि हिन्दुओं को अपमानित करना है
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भारत में प्राचीन काल में गौ-हत्या होती थी या नहीं, यह विवाद का बिषय हो सकता है लेकिन यह निर्विवाद सत्य है कि - महाभारत काल (श्री कृष्ण के समय) से गौ-ह्त्या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो गई थी और गायों को पूजने की परम्परा बन गई थी. तब से लेकर अब तक भारतीयों द्वारा गाय को देवी का दर्जा मिला हुआ है.
भारत में गौ-हत्या और गौ-मांस भक्षण मोहम्मद गौरी के आक्रमण के बाद प्रारम्भ हुआ. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की सलाह मानकर, गायों को आगे रखकर हिन्दुओं पर हमला करके ही गौरी ने बिजय पाई थी. उसने हारे हुए हिन्दुओ को मुसलमान समय, उनकी धार्मिक आस्था को तहस नहस करने के लिए गौ-मांस खिलाया था.
हिन्दुओं को गौ-मांस खिलाने का उद्देश्य, प्रोटीन खिलाकर तगड़ा बनाना नहीं था बल्कि उनकी धार्मिक आस्था को मटियामेट करना था. जैसे कभी किसी से लड़ाई होने पर किसी के द्वारा किसी की माँ अथवा बहन को गाली देना, उसकी माँ अथवा बहन के साथ कुछ करना नहीं होता है बल्कि सामने वाले बिरोधी के स्वाभिमान पर चोट करना होता है.
पहले कई बार पढने / सुनने को मिलता था कि - बकरीद के मौके पर मुस्लिम बहुल इलाकों में गायों को सरेआम सड़कों पर दौडाया, उनको घायल किया और सरेआम काट दिया. वो उनका कोई धार्मिक रिवाज नहीं था बल्कि हिन्दुओं को अपमानित करने के लिए किया जाता था. राष्ट्रवादी सरकार बन्ने के बाद ऐसी खबरे आनी बंद हो चुकी हैं.
अंग्रेजों ने भी भारतीयों को अपमानित करने के लिए यही तकनीक इस्तेमाल की. उन्होंने मुह से खोलने बाले कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी लगाई. ऐसा नहीं था कि - गाय और सूअर की चर्बी से कारतूस बढ़िया हो जाता था. उनको तो सिर्फ एक चिकना और गाढा पदार्थ ही चाहिए था, जो खनिज अथवा पेट्रोलियम ग्रीस से भी काम चल सकता था.
अंग्रेजों ने जानबूझकर कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी लगाईं. अगर चर्बी जरुरी थी तो वे चाहते तो दो तरह के कारतूस भी बना सकते थे. दो अलग रंग के पैकेट बना सकते थे. कारतूस के पैकेट लाल हरे दो रंग के बना सकते थे. लाल रंग का पैकेट में सूअर की चर्बी और हरे रंग के पैकेट में गाय की चर्बी लगा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
अंग्रेज भारतीयों की अंतरआत्मा को कुचलने, उनको गुलाम होने का बार-बार अहेसास कराने के लिए गाय और सूअर की चर्बी बाला कारतूस बनाते थे. आज भी जो लोग गौ-ह्त्या करते हैं या गौ-मांस की वकालत करते हैं उनका उद्देश मांस नहीं बल्कि हिन्दुओं को अपमानित करना तथा हिन्दुओं के स्वाभिमान को कुचलना है है.
आज केरल में कांग्रेसियों ने गाय के बछड़े को काटा है और उसका वीडियों वायरल किया है. ऐसा करके उन्होंने और कुछ नहीं बल्कि केंद्र की भाजपा सरकार को चुनौती दी है कि - आप चाहे कुछ भी कर लो हमें रोक नहीं पाओगे. ऐसी हरकतें करके कांग्रेस मुसलमानों को दिखाना चाहती है कि - केवल वही भाजपा को टक्कर देने में सक्षम है.

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