Friday, 19 May 2017

नाथूराम गोडसे

नाथूराम गोडसे का जन्म १९ मई १९१० को भारत के महाराष्ट्र राज्य में पुणे के निकट बारामती नमक स्थान पर चित्तपावन मराठी परिवार में हुआ था. नाथूराम विनायक गोडसे एक पत्रकार, हिन्दू राष्ट्रवादी और भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे.
उन्होंने पहले कांग्रेस में रहकर अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था. कुछ समय तक अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में रहने के बाद, वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे, परन्तु बाद में (1930 में) वे अखिल भारतीय हिन्दू महासभा में चले गये.
इनका सबसे अधिक चर्चित कार्य मोहनदास करमचन्द गान्धी उपाख्य महात्मा गान्धी की हत्या था क्योंकि भारत के विभाजन और उस समय हुई साम्प्रदायिक हिंसा में लाखों हिन्दुओं की हत्या के लिये, अधिकाँश लोग गान्धी को ही उत्तरदायी मानते थे.
आजादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों को दरकिनार कर, अंग्रेजों-कांग्रेसियों-मुस्लिम लीगियों और पूर्व राजाओं द्वारा आपस में बैठकर देश का बंटबारा कर लेना और हिन्दू बिरोधी नीतियां लागू करवा लेना भी, देश कि अधिकाँश हिन्दू जनता को पसंद नहीं था.
सुभाष चन्द्र बोश, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, जैसे क्रान्तिकारियो के प्रति गांधी का बर्ताव, राष्ट्रवादियों को तकलीफ देता था. धर्म के आधार पर देश का बाँटकर मुस्लिमो को "पापिस्तान" देना और हिन्दुओं को "हिन्दुस्थान" नहीं देना भी लोग बेईमानी मानते थे.
इसके अलावा खिलाफत तथा बंटवारे के हिन्दू बिरोधी दंगों में मरे / उजड़े हिन्दुओं की दुर्दशा के लिए भी लोग गांधी को जिम्मेदार मानते थे. इसके अलावा गांधी जी पापिस्तान और बंगलादेश को जोड़ने वाला दस मील चौड़ा गलियारा देना चाहते थे.
हिन्दुओं के साथ किये गए अन्याय के लिए, गांधी को जिम्मेदार मानकर "नाथूराम गोडसे" ने गांधी को गोली मार दी थी. मानव ह्त्या बहुत ही जघन्य अपराध है और गांधी जी की ह्त्या की भी निंदा की जानी चाहिए, लेकिन जरा सोंचो कि -
कहीं अगर दस मील चौड़ा "पाकिस्तान-बंगलादेश" गलियारा बन गया होता तो हिन्दुस्थान की आज क्या स्थिति होती ? इस बात के लिए तो "नाथू राम गोडसे" को भी प्रणाम करने का दिल करता है .

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