Tuesday, 23 May 2017

हिन्दू धर्म के पुनर्गठन की आवश्यकता

आज एक बार फिर हिंदू धर्म के पुनर्गठन की आवश्यकता है - जिसमें सभी को समान अधिकार मिल सके और साथ ऐसे हिंदू जो अन्य धर्म में चले गए हैं उनका शुद्धिकरण करके उनको वापस हिंदू बनाया जा सके. प्रत्येक धर्म में अपनी कुछ मान्यताये और विशवास होते है. समय के साथ साथ बहुत सारी मान्यताएं और आवश्यकताएं बदलती रहती हैं.

परिवर्तन जीवंत्ता का परामान है. हिंदू धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो हमेशा ही समय की आवश्यकता के अनुसार अपने आपको परिवर्तित करता रहा है. शायद अन्य किसी पंथ के लोगो में इतना साहस नहीं ऐ कि वो अपनी मान्यताओं की समीक्षा या पुनर्बिचार कर सके. हिंदू धर्म में हमेशा ही समय के हिसाब से परिवर्तन होते रहे हैं.

उदाहरण के लिए - कभी जब यहाँ भारत ने जनसँख्या को बढाने की आवश्यकता थी, तो यहाँ बहु विवाह और अनेक बच्चों की परम्परा थी. जब जनसँख्या नियंत्रण करने की आवश्यकता हुयी तो एक विवाह और दो बच्चो का नियम बना दिया. कभी धोती कुरता पहनते थे, लेकिन आज जींस शर्त को भी अपना लिया गया है.

तिलक, चोटी, माला और जनेऊ रखने के लिए भी कोई कट्टर नियम नहीं है. कभी युद्ध में पति के मारे जाने के बाद उनकी बिध्वाओं ने, अत्याचारी मुस्लिम हमलावरों से अपनी इज्ज़त बचाने के बचने के लिए सती प्रथा को अपनाया और आज हमलावरों का खतरा न रहने पर, विधवा के पुनरविवाह को भी मान्यता मिल गयी है .

कभी कुल की शुद्धता के लिए अपनी जाति में ही विवाह का नियम था, आज समाज में एकता के लिए अंतरजातीय विवाह को मान्यता प्रदान है. कभी जंगली जानवरों से आवादी को सुरक्षित करने के लिए शिकार को महिमामंडित किया, लेकिन जानवर कम होने पर प्रक्रति का संतुलन बनाने के लिए शिकार को प्रतिबंधित कर दिया.

इसी तरह अब एक बार फिर समीक्षा करने की आवश्यकता है कि - हम फिर अपनी मान्यताओं और परम्पराओं की समीक्षा करें और उनमे से अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाकर समयानुकूल प्रावधानों का समावेश करें. कर्मकाण्ड और अनुष्ठान की विधियों का भी मूल्यांकन और संशोधन करने की परम आवश्यकता है.

विदेशी और विधर्मी लोग, कुछ भ्रांतियों का लाभ उठाकर हिन्दुओं को तोड़ने में हमेशा कामयाब हुए हैं. हमें उन भ्रांतियों को भी दूर करना होगा, जिससे कमजोर तबके के लोगों को विधर्मियों के बहकाबे में आकर धर्म परिवर्तन करने से रोका जाए. साथ ही भुत काल में धर्म परिवर्तित करने वाले हिंदुओं की घर वापसी कराई जाए.

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