अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14-मार्च- 1879 को, "जर्मनी" के "वुटेमबर्ग" नाम के शहर में , एक यहूदी परिवार में हुआ था. उनके पिता एक इंजीनियर थे और वे बिजली के छोटे मोटे सामान बनाने का छोटा सा कारखाना चलाते थे. उनकी मातृभाषा जर्मन थी लेकिन बाद में उन्होंने इटालियन और अंग्रेजी भी सीख ली थी.उनका परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओं को नहीं मानता था और इसलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पड़ने भेजा गया.
आपको आश्चर्य होगा कि जिनके जन्मदिन को ‘जीनियस डे’ के रूप में मनाया जाता है, वह महान वैज्ञानिक बचपन में मंदबुद्धि बालक तक समझा जा चुका था. दरअसल आइंस्टाइन बचपन से डिसलेक्सिया नामक बीमारी से पीड़ित थे. इस बीमारी के कारण उन्हें अक्षरों को ठीक से पहचान पाने में बहुत मुश्किल होती थी, उनकी स्मरण शक्ति भी कमजोर थी और साथ ही लिखने, पढ़ने व बोलने में भी उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था.

उनके अन्य महत्वपूर्ण योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है.
आइन्स्टीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यूनिफाइड फील्ड थ्योरी (Unified Field Theory) पर कार्य करते हुए गुजारे, जो उसकी मृत्यु के बाद अबतक अधूरी ही है. इस थ्योरी में प्रकृति के चार मूल बलों गुरुत्वाकर्षण, विद्युतचुम्बकीय, तीव्र तथा क्षीण नाभिकीय बलों का संयुक्तीकरण करना था. आज भी इस थ्योरी पर कार्य जारी है. आइंस्टीन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें भी लिखीं.
1999 में टाइम पत्रिका ने शताब्दी-पुरूष घोषित किया. एक सर्वेक्षण के अनुसार वे सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माने गए. अल्बर्ट आइंस्टीन की म्रत्यु के वाद एक पैथोलॉजिस्ट (रोग विज्ञानी) ने आइंन्स्टीन के शव परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था. उसके बाद वह 20 सालों तक एक जार में बंद रहा. आज आइंस्टीन शब्द का संबोधन अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति का पर्याय माना जाता है.

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