Friday, 21 April 2017

गौ -ह्त्या निरोधक कानून का कड़ाई से पालन होना आवश्यक है

देश के अधिकाँश राज्यों में गौ ह्त्या निषेध है अर्थात उन राज्यों में गाय की तश्करी करना, गाय की हत्या करना, गाय का मांस बेचना और गाय का मांस खाना, कानूनी अपराध है. अगर कोई व्यक्ति ऐसे राज्य में रहता है जहां गौ ह्त्या अवैद्ध है और वह यह दावा करता है कि - वह गौ मांस खाता है तो सीधी सी बात है कि- वह व्यक्ति गैर कानूनी काम कर रहा है.
ऐसे लोगों को पकड़कर उनपर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए. उनसे पता लगाना चाहिये कि- वे गौमांस कहाँ से खरीदता है. इस प्रकार गौ हत्यारों के सारे नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है. देश के अधिकतर राज्यों में गौ-ह्त्या निषेध है लेकिन इसके बाबजूद उन राज्यों में गौ ह्त्या होती रही है और राजनैतिक दबाब के कारण प्रशासन उसको रोकता नहीं था.
जब सरकार , पुलिस, न्यायालय किसी गैरकानूनी काम को रोकने में असफल रहते हैं तब ही जनता कानून को हाथ में लेती है. आज अगर जनता गौ ह्त्या को लेकर उद्देलित है तो इसकी एकमात्र बजह प्रशासन की दशकों की असफलता है. जो न्यायालय गौ रक्षको पर प्रश्न कर रहा है पहले उसको बताना होगा कि - उसने आजतक कितने गौ हत्यारों को सजा दी है.
जो कोई भी व्यक्ति या संस्था गौ रक्षकों की कार्यवाही पर सवाल उठाता है उनसे मेरा केवल एक ही सवाल है कि - आप गौ मांस खाते है या नहीं ? यदि आप गौ मांस खाते है और ऐसे राज्य में रहते हैं जहाँ यह अपराध हैं तो आप अपराधी है. आपको तो सजा मिलनी चाहिए, फिर भी यदि प्रायश्चित करना चाहते हैं तो आप बताये कि - आप गौ-मांस कहाँ से लाते थे.
यदि आप गौ मांस नहीं खाते हैं और आप गौ हत्या के बिरोधी हैं तो आपको गौ रक्षकों का विरोध क्यों कर रहे हैं ? इस काम में तो आपको उनका साथ देकर कानून की मदद करनी चाहिए. यदि आपको गौ रक्षकों का तरीका गलत लगता है तो आप उन के साथ जाकर उनको अपराधियों से निपटने का सही तरीका बताये, आखिर हैं तो आप भी गौ ह्त्या के बिरोधी ही.
जिन इलाको में ज्यादा चोरियां होती है और प्रशासन रोक नहीं पाता है उन इलाको में अकसर वहां के निवासी लोग ही खुद ठीकरी पहरा देते हैं और उनके हत्थे जब कोई चोर चढ़ जाता है तो उसकी पिटाई भी खूब होती है कई बार तो पिटाई से चोर मर भी जाता है . ऐसे में दोषी वो जनता नहीं होती बल्कि वो चोर होता या वहां का प्रशासन जो चोरी रोकने में नाकाम रहता है.
गौ ह्त्या कानूनी अपराध तो है ही एक बहुत बड़ा सामाजिक अपराध भी है. देश के अधिकाँश लोगों की भावना इससे आहत होती है. इसलिए जिन राज्यों में गौ ह्त्या अपराध है उन राज्यों में अगर किसी के पास भी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी है उसे प्रशांसन को बताना चाहिए जिससे उन अपराधियों को सजा दिलाकर , गौ ह्त्या को रोका जा सके.

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