
जुलाई 1945 में ब्रिटेन में एक नयी सरकार बनी. इस नयी सरकार ने भारत सम्बन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की. भारत के लिए एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया. इसके लिए ब्रिटिश कैबिनेट के तीन मंत्री भारत भेजे गए. मंत्रियों के इस दल को कैबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है.
जिस तरह से आजकल लोकसभा के चुनाव होते है उसी तरह पूरे देश में संविधान सभा के लिए चुनाव कराये गए. पूरे भारत को तीस सूबों (राज्यों) में बांटकर, प्रत्येक राज्य से सदस्यों का चुनाव किया गया. चुनाव के बाद चुने गए सदस्यों को लेकर 6 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का गठन किया किया गया.
यह 30 सूबे कौन कौन से थे और इनमे चुने गए सदस्यों के नाम क्या थे उनकी लिस्ट अगर यहाँ दी तो सारी पोस्ट उसी से भर जायेगी इसलिए उसको अलग से पोस्ट बनाकर उसका लिंक यहाँ पोस्ट कर दूंगा, सारे देश से कुल कुल 399 सदस्य चुने गए. इस संविधान सभा का सबसे पहले सच्चिदानन्द सिंहां को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर, 1946 ई. को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किए गए उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई. 22 जनवरी, 1947 ई. को संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त कीं. इनमे प्रमुख थी- वार्ता समिति, संघ संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति.
फिर सदस्यों द्वारा डा. राजेन्द्र प्रसाद को अध्यक्ष, हरेन्द्र कुमार मुखर्जी और वी टी कृष्णमचारी को उपाध्यक्ष और डा. भीमराव आम्बेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद यह संविधान सभा संप्रभुता सम्पन्न हो गई और इन्ही सदस्यों को सांसद मान लिया गया था.
प्रारूप समिति में भी 7 सदस्य थे. डॉ. भीमराव अम्बेडकर (अध्यक्ष), एन. गोपाल स्वामी आयंगर, अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर, कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी , सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला , एन. माधव राव , . डी. पी. खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के बाद टी. टी. कृष्माचारी को सदस्य बनाया गया).
संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1947 से अपना कार्य प्रारम्भ किया. इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी.संविधान सभा में संविधान का प्रथम वाचन 4 नवंबर से 9 नवंबर, 1948 ई. तक चला. संविधान पर दूसरा वाचन 15 नवंबर 1948 ई० को प्रारम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर, 1949 ई० तक चला.
संविधान सभा में संविधान का तीसरा वाचन 14 नवंबर, 1949 ई० को प्रारम्भ हुआ जो 26 नवंबर 1949 ई० तक चला और संविधान सभा द्वारा संविधान को पारित कर दिया गया. 26 जनवरी 1949 को संविधान की एक प्रति औपचारिक रूप से डा. आंबेडकर द्वारा डा. राजेन्द्र प्रसाद जी के हाथों में सौंप दी गई .
उसके बाद भी संविधान सभा की कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई. संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई० को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रअध्यक्ष चुना गया. 26 जनवरी 1950 को डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा संविधान को लागू करने की घोषणा कर दी गई थी.
इस प्रकार किसी एक व्यक्ति को संविधान का निर्माता कहना अन्य सभी के साथ अन्याय है.
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