Wednesday, 30 January 2019

मुसलमानों ने कितने अंग्रेज मारे ?

मुसलमानों ने देश के बंटबारे के समय लाखों हिन्दुओं / सिक्खों की हत्या की और मुस्लिम बहुल वाले क्षेत्रों से उनको अपना सबकुछ छोड़कर भागने पर मजबूर किया था. इससे साबित होता है कि - किसी की जान लेना तो उनके लिए बड़ा आसान सा काम था.
अगर वो चाहते तो बड़े आराम से अंग्रेजों को भी मार भगा सकते थे लेकिन अंग्रेजों से लड़ने के बजाये अंग्रेजों की नौकरी करते रहे. आजादी की लड़ाई में मुसलमानों द्वारा किसी अंग्रेज के बध का कोई जिक्र नहीं मिलता है. सारी की सारी क्रान्ति ही हिन्दुओं / सिक्खों ने की.
इससे पहले भी तुर्की के खलीफा के समर्थन में चलाये गए धार्मिक आन्दोलन "खिलाफत" के असफल हो जाने के बाद भी, मुसलमानों ने अंग्रेजों के खिलाफ कुछ नहीं किया बल्कि मालाबार, मुल्तान, कोहाट, आदि हिन्दुओं / सिक्खों की ही हत्याए की किसी अंग्रेज की नहीं.
अगर आजादी की लड़ाई के 90 साल के इतिहास की बात करें तो केवल 1857 वाली लड़ाई में ही मुसलमान शामिल हुए थे वह भी इसलिए कि - तब उनको लगा था कि - क्रान्ति से अगर अंग्रेज भाग गए तो उनको भी अपनी रियासतें वापस मिल जायेगी.
1857 की लड़ाई के समय में भी आगा खान जैसों ने इसे हिन्दुओं और शियाओं का संघर्ष कहकर शुन्नियों को इससे दूर रहने का आग्रह किया था. प्रथम स्वाधीनता संग्राम की असफलता (1858) के बाद तो आजादी की लड़ाई में भाग लेना ही बंद कर दिया था.
1858 से लेकर 1947 तक की आजादी की लड़ाई की कहानी में, बहुत गिने चुने नाम ही दिखाई देते हैं. उनके द्वारा भी किसी अंग्रेज के बध का कोई जिक्र नहीं मिलता है.

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