Monday, 2 September 2019

गांधी जी का चरखा और राजीव गांधी का कम्प्यूटर

जो लोग राजीव गांधी को भारत में कम्प्यूटर और आईटी को लाने वाला बता रहे हैं उनको बता देना चाहता हूँ कि- भारत में कम्प्यूटर और आईटी की शुरुआत तब हो चुकी थी जब राजीव गांधी प्रधान मंत्री बनना तो दूर राजनीति में भी नहीं आये थे.
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बन्ने के बाद भी कोई सरकारी कम्पनी कम्प्यूटर अथवा आईटी के क्षेत्र में आगे नहीं आई. राजीव के प्रधान मंत्री बन्ने के बाद और राजीव गांधी की म्रत्यु के बाद भी इस क्षेत्र में जो कम्पनियां आइ वो अपने निजी प्रयास से आई.
* टाटा समूह ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना 1968 में की थी
* शिव नाडर ने HCL की स्थापना 1976 में की थी
* प्रेम अजीम जी की विप्रो 1977 में कम्प्यूटर कारोबार में आ गई थी.
* 1981 में विप्रो ने कम्प्यूटर का उत्पादन शुरू कर दिया था.
* इनफ़ोसिस की स्थापना एन आर नारायण मूर्ति द्वारा 1981 में हुई थी
* टेक महिंद्रा 1986 में स्टार्ट हुई थी लेकिन राजीव गांधी के सहयोग से नहीं बल्कि ब्रिटिश टेलीकाम के ज्वाइंट बेंचर के साथ
* लार्सन एंड टुब्रो इन्फोटेक की स्थापना 1997 में हुई थी.
* माइंडट्री का गठन 1999 में हुआ था .
* एमफेसिस की स्थापना 2000 में हुई थी
भारत में कम्प्यूटर और आईटी को राजीव गांधी द्वारा शुरू करना उतना ही बड़ा झूठ है जितना जितना गांधी जी के चरखे से डर कर अंग्रेजों का भाग जाना.

No comments:

Post a Comment