Thursday, 1 December 2022

संघ गीत : संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढे चलो

संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का, वो काम सब किये चलो।। संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का, वो काम सब किये चलो।। युग के साथ मिल के सब, कदम बढ़ाना सिख लो , एकता के स्वर में गीत, गुनगुनाना सिख लो , भूल कर भी मुख से, जाति पंथ की न बात हो भाषा प्रांत के लिए, कभी न रक्तपात हो, फूट का घड़ा भरा है, फोड़ कर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो। संगठन गढ़े चलो , सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।। आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिए अपार कष्ट जो मिलेगे, मुस्कुरा के सब सहेंगे हम देश के लिए सदा, जियेंगे और मरेंगे हम देश का ही भाग्य, अपना भाग्य है ये सोच लो। भला हो जिसमे देश का, वो काम सब किये चलो। संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढे चलो। भला हो जिसमे देश का , वो काम सब किये चलो।।

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