Monday, 24 February 2020

जमीन अधिग्रहण से जमीन के पूर्व मालिक का नुकशान न हो

Image may contain: 1 personजमीन अधिग्रहण हमेशा से एक विवादित मुद्दा रहा है. जमीन से बेदखल होने वाला व्यक्ति आर्थिक के साथ भावनात्मक रूप से भी प्रभावित होता है. विकास अगर जरुरी है तो जमीन से बेदखल होने वाले के हक़ की रक्षा भी जरुरी है. मेरा ख़याल है सरकार को इस पर जनता की राय लेने के बाद, उस पर व्यापक बहस कराकर ही कोई पालिसी बनानी चाहिए.

बैसे तो हम लोगों की कोई हस्ती नहीं है कि- इन नेताओं को कुछ समझा सकें लेकिन हमें आपस में चर्चा करके कुछ ऐसे बिंदु तो खोजने ही चाहिए जिससे कोई अच्छा परिणाम निकलने की उम्मीद हो. किसी एक पार्टी का समर्थक होने के कारण दुसरी पार्टी के प्रधान को कोसकर अपना कर्तव्य पूरा हुआ मान लेने के कारण ही हमारे देश में इतनी सारी समस्याएं हैं.

किसी को कोसने के बजाय सुझाव दीजिये, पिछले दो सौ साल से अभी तक ( अंग्रेजों से लेकर कांग्रेस तक) तो किसी भी नियम से कोई भी संतुष्ट नहीं हो सका है. कृषि अगर जरुरी है तो सड़क, हस्पताल, बिजलीघर, आवासीय कालोनी, बाजार, माल, फैक्ट्रीज भी देश के विकास के लिए बहुत जरुरी हैं.

पोस्ट को मोदी समर्थक या मोदी बिरोधी के चश्मे से देखने के बजाय कुछ ऐसे बिंदु खोजने के कोशिश की जानी चाहिए जिससे ऐसे सुझाव सामने आयें जो अधिक से अधिक लोगों का भला कर सकें. मैं अपने कुछ सुझाव लिख रहा हूँ, कृपया आप भी अपने सुझाव लिखिए. हो सकता है कि - हमारी यह चर्चा किसी प्रभावशाली व्यक्ति को दिखे और वह उसमे से कुछ ग्रहण करे.

1. जमीन का मुआवजा कलेक्ट्रेट रेट पर नहीं, बल्कि बाजार भाव पर तय किया जाए. जमीन की कीमत के साथ साथ उनकी भावनाओं का मुआवजा भी दिया जाय.
2. जितनी जमीन रिक्वायर हो उससे 20% अधिक जमीन एक्वायर की जाय. जिसकी जमीन अधिग्रहित की गई हो उसकी 20% जमीन भी उसको मुआवजे के अलावा दी जाए.

3, मुआवजे के अलावा 20% जमीन भी मिलने से अधिकांश लोग सैटिस्फाई हो जायेंगे क्योंकि प्रोजेक्ट के बाद उस जगह की कीमत भी दश गुना हो जाती है.

4. जिस प्रोजेक्ट के लिए जमीन चाहिए उसके अलाबा वह जमीन किसी अन्य कार्य के लिए आवंटित न हो, यदि प्रोजेक्ट कैंसल हो जाता है तो जमीन मूल मालिकों को वापस की जाए.

5. जो प्रोजेक्ट वहां लगना है, उसमे नौकरी के लिए पूर्व जमीन मालिकों के वंशजों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

6. फक्ट्रीज बनाने के लिए ऐसी जमीन को चुना जाना चाहिए जो कृषि कार्यों के लिए कम उपयुक्त (अर्थात - बंजर या कम उपजाऊ ) हो

7. किसान, मजदूर और व्यापारी सभी महत्त्वपूर्ण हैं . इनको एक दूसरे के खिलाफ वरगलाने वाले या लड़ाने वाले के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए

8. रेल, हस्पताल, स्कूल, फोकल प्वाइंट, आदि जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के लिये तो सरकार जमीन अधिग्रहीत करे लेकिन निजी व्यापारियों के साथ किसानो को खुद सौदेबाजी करने दे.

9. अधिग्रहण में फ़ालतू जमीन अधिग्रहीत हो जाने पर , वह शेष जमीन टोटल एक्वायर जमीन की जितनी प्रतिशत हो, पूर्व मालिकों को उस अनुपात में बाँट दी जाए.

10. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल जैसे पिछड़े राज्यों में नए औद्ध्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाना चाहिए जहाँ बड़ी के साथ साथ छोटी छोटी फैक्ट्रीज लग सकें

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