Saturday, 29 December 2018

कांग्रेसियों की अंधभक्ति या चमचागिरी


अपनी हार पर आजकल EVM का रोना रो रहे हैं. जो लोग कांग्रेस का चरित्र जानते हैं उनके लिए यह बात बहुत मामूली लगेगी. हमेशा सत्ता में रहने के आदी कांग्रेसियों से हर बर्दाश्त नहीं होती है. अभी तो यह केवल EVM और चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर ही खामोश हो जाते हैं, जबकि पहले तो ये लोग हवाई जहाज भी हाईजैक कर लेते थे.
समय समय पर कांग्रेसी अपना असली चेहरा दिखाते रहे है, लेकिन न जाने क्यों देश की जनता फिर भी इनके बहकावे में आ जाती है. ऐसी ही एक घटना 20 दिसंबर 1978 की है जो कांग्रेस का चरित्र बताने के लिए पर्याप्त है. यह तब की घटना है जब जनता ने कांग्रेस को उखाड़ कर जनता पार्टी की सरकार बना दी थी और मोरारजी देसाई प्रधान मंत्री थे.
20 दिसम्बर 1978 की बात है. लखनऊ से दिल्ली जाने वाली इंडियन एयरलाइंस के जहाज बोईंग 737 की फ्लाइट संख्या IC 410 को, उड़ान भरते ही हाईजैक कर लिया गया था. हैजैकर थे, इंडियन यूथ कांग्रेस के दो सदस्य आजमगढ़ का "भोला पांडे" और बलिया का "देवेन्द्र पांडे". उस समय इस हवाई जहाज में 130 के यात्री थे.
उन दोनो हथियार बंद हाईजैकर्स ने यात्रियों को रिहा करने के बदले में तीन मांगे रखी थी. एक इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया जाय, दुसरी संजय गांधी और इंदिरा गांधी के खिलाफ सारे आपराधिक मामले बंद किये जायें और तीसरी मांग यह थी कि जनता पार्टी की सरकार अपना इस्तीफा दे. मांग न मानने पर यात्रियों को मारने की धमकी दी.
उ. प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के साथ बातचीत होने के बाद, उन हाईजैकर्स ने सरेंडर किया. कांग्रेस के अलाबा सभी पार्टीयों ने इस घटना की निंदा की. कांग्रेस ने बेशर्मी दिखाते हुए इस घटना को एक मजाक समझकर भूल जाने को कहा. कांग्रेस इतने पर भी नहीं रुकी, इसकी तुलना महात्मा गांधी के नमक आन्दोलन से कर डाली .
इस मामले में देवेंद्र पाण्डेय और भोला पांडेय 9 माह 28 दिन लखनऊ की जेल में रहे थे. इसके बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें 1980 के विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था और दोनों बिधायक बन गए. कांग्रेस की सरकार आने के बाद उनके ऊपर से मुकदमा वापस ले लिया गया. बाद में भोला पांडे को 5 बार लोकसभा का टिकट भी दिया गया.
कांग्रेस ने आजतक कभी इस घटना की निंदा नहीं की. संसद में चर्चा के दौरान कांग्रेस के बसंत साठे और आर वेंकटरमन ने इसे "सत्ता विरोध करने का अधिकार" तक कह डाला. इन हाईजैकर्स की तरफदारी करने वाले बसंत साठे मंत्री बने और आर. वेंकटरामन आगे जाकर देश के राष्ट्रपति बने. यह है कांग्रेस का चरित्र .
ऐसे तरीको में नाकामयाब होने के बाद, इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का लालच देकर बरगलाया. जिसमे वो आ गए और अपनी ही सरकार से गद्दारी कर बैठे. ठीक यही काम वी. पी. सिंह सरकार को हटाने के लिए चन्द्रशेखर को बरगलाकर किया. बीजेपी को हराने के लिए भी केजरीवाल को खडा किया, लेकिन इसमें खुद फंस गए.

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