विश्व का एकमात्र ऐसा परिवार (सावरकर बंधू), जिसमे तीन सगे भाई, अपने देश की आजादी के लिए 12 सालों से ज्यादा समय तक विभिन्न जेलों में रहे. 'नारायण राव सावरकर', 'गणेश राव सावरकर', 'विनायक दामोदर सावरकर'.
'विनायक दामोदर सावरकर' विश्व के एकमात्र व्यक्ति थे, जिनको बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद और एग्जाम पास करने के बाद भी, अंग्रेजों ने बैरिस्टर की डिग्री नहीं दी गई. जबकि तथाकथित महान (?) लोगों को बड़े आराम से दे दी.
'वीर सावरकर' विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिनके बारे में ब्रिटिश सरकार ने बाकायदा राजपत्र निकालकर, उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य का सबसे बड़ा दुश्मन घोषित किया था और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ, दुनिया को भड़काने वाला कहा था.
'वीर सावरकर' पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने 1857 के स्वाधीनता संग्राम को विश्व मंच पर स्वाधीनता संग्राम घोषित किया था. उल्लेखनीय है कि- 50 साल तक उस संग्राम को ग़दर और स्वाधीनता सेनानियों को राजद्रोही कहा जाता था.
'वीर सावरकर' पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी किताब "1857- प्रथम स्व्तान्त्र्य समर" प्रकाशित होने के पहले ही, अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई थी. उनकी यह किताब चोरी से छपवाना और वितरित करना भी क्रांतिकारी कार्य माना जाता था.
'वीर सावरकर' पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी किताब ने "1857 के क्रांतिकारियों" को सम्मान दिलाया था और उनकी भुला दी गई गाथा को जन जन तक पहुंच्या था. इसके अलावा देश को आजादी की दुसरी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार किया था.
'वीर सावरकर' पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने देश में विदेशी सामान की होली जलाई थी ( जी हाँ गांधी से कई साल पहले 1905 में). सशस्त्र क्रान्ति करने वालों का दल "अभिनव भारत" बनाया था. जिसके क्रांतिकारी ब्रिटिश अधिकारियों को निशाना बनाते थे.
'विनायक दामोदर सावरकर' विश्व के एकमात्र ऐसे क्रांतिकारी थे जिनको दो जन्म के कारावास की सजा सुनाई गई थी. जिसने किताब लिखने के अपराध में अपने जीवन के बहुमूल्य 13 साल ( 10 साल कालापानी और 3 साल रत्नागिरी) जेल में बिताये.
'विनायक दामोदर सावरकर' एकमात्र ऐसे क्रांतिकारी थे, जिनको देश आजाद होने के बाद भी दो बार जेल भेजा गया. एक बार गांधी की ह्त्या के बाद संदेहास्पद मानकर और दुसरी बार लाखों हिन्दुओं के हत्यारे "लियाकत खान" की भारत यात्रा का बिरोध करने पर.
' स्वतंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर' जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन
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