Tuesday, 22 October 2019

प्राचीन भारत में सती प्रथा कभी थी ही नहीं.

The Padmini mystique: Is Padmavati just a myth? - Cover Story News ...प्राचीन भारत में कभी सति प्रथा थी ही नही. रामायण / महाभारत जैसे ग्रन्थ से लेकर आधुनिक काल तक के ग्रन्थ कौशल्या, कैकेई, सुमित्रा, मंदोदरी, तारा, सत्यवती, अम्बिका, अम्बालिका, कुंती, उत्तरा, दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई,आदि जैसी बिध्वाओं की गाथाओं से भरे हुए हैं. किसी भी प्राचीन ग्रन्थ में सति-प्रथा का कोई उल्लेख नहीं है. यह प्रथा भारत में इस्लामी आतंक के बाद शुरू हुई थी. ये बात अलग है कि- बाद में कुछ लालचियों ने अपने भाइयों कि सम्पत्ति को हथियाने के लिए अपनी भाभियों की ह्त्या इसको प्रथा बनाकर की थी.
इस्लामी अत्याचारियों द्वारा पुरुषों को मारने के बाद उनकी स्त्रीयों से दुराचार किया जाता था, इसीलिये स्वाभिमानी हिन्दू स्त्रीयों ने अपने पति के हत्यारों के हाथो इज्जत गंवाने के बजाय अपनी जान देना बेहतर समझा था. भारत में जो लोग इस्लाम का झंडा बुलंद किये घूमते हैं, वो ज्यादातर उन वेवश महिलाओं के ही वंशज हैं जिनके पति की ह्त्या कर महिला को जबरन हरम में डाल दिया गया था. इनको तो खुद अपने पूर्वजों पर हुए अत्याचार का प्रतिकार करना चाहिए.
सेकुलर बुद्धिजीवी "सतीप्रथा" को हिन्दू समाज की कुरीति बताते हैं जबकि यह प्राचीन प्रथा है ही नहीं. रामायण में केवल मेघनाथ की पत्नी सुलोचना का और महाभारत में पांडू की दुसरी पत्नी माद्री के आत्मदाह का प्रसंग है. इन दोनो को भी किसी ने किसी प्रथा के तहत बाध्य नहीं किया था बल्कि पति के वियोंग में आत्मदाह किया था. इत्तेफाक से यह दोनों ही दक्षिण के लंका और तमिलनाडू की द्रविण महिलायें थी आर्य नहीं. अगर इसे प्रथा भी माना जाए तो यह आर्य संस्कृति का हिस्सा नहीं थी.
चित्तौड़गढ़ के राजा राणा रतन सेन की रानी "महारानी पद्मावती" का जौहर विश्व में भारतीय नारी के स्वाभिमान की सबसे प्रसिद्ध घटना है. ऐय्यास और जालिम राजा "अलाउद्दीन खिलजी" ने रानी पद्मावती को पाने के लिए, चित्तौड़ पर चढ़ाई कर दी थी , राजपूतों ने उसका बहादुरी से सामना किया. हार हो जाने पर रानी पद्मावती एवं सभी स्त्रीयों ने , अत्याचारियों के हाथो इज्ज़त गंवाने के बजाय सामूहिक आत्मदाह कर लिया था. जौहर /सती को सर्वाधिक सम्मान इसी घटना के कारण दिया जाता है.
What Is Jauhar and Why Did Rajput Queens Do It? - The Quintचित्तौड़गढ़, जो जौहर (सति) के लिए सर्वाधिक विख्यात है उसकी महारानी कर्णावती ने भी अपने पति राणा सांगा की म्रत्यु के समय (1528) में जौहर नहीं किया था, बल्कि राज्य को सम्हाला था. महारानी कर्णावती ने सात साल बाद 1535 में बहादुर शाह के हाथो चित्तौड़ की हार होने पर, उससे अपनी इज्ज़त बचाने की खातिर आत्मदाह किया था. औरंगजेब से जाटों की लड़ाई के समय तो जाट स्त्रियों ने युद्ध में जाने से पहले, अपने खुद अपने पति से कहा था कि उनकी गर्दन काटकर जाएँ.
गोंडवाना की रानी दुर्गावती ने भी अपने पति की म्रत्यु के बाद 15 बर्षों तक शासन किया था. दुर्गावती को अपने हरम में डालने की खातिर जालिम मुग़ल शासक "अकबर" ने गोंडवाना पर चढ़ाई कर दी थी. रानी दुर्गावती ने उसका बहादुरी से सामना किया और एक बार मुग़ल सेना को भागने पर मजबूर कर दिया था. दुसरी लड़ाई में जब दुर्गावती की हार हुई तो उसने भी अकबर के हाथ पकडे जाने के बजाय खुद अपने सीने में खंजर मारकर आत्महत्या कर ली थी.
जो स्त्रियाँ अपनी जान देने का साहस नहीं कर सकी उनको मुघलों के हरम में रहना पडा. मुग़ल राजाओं से बिधिवत निकाह करने वाली औरतों के बच्चो को शहजादा और हरम की स्त्रियों से पैदा हुए बच्चो को हरामी कहा जाता था और उन सभी को इस्लाम को ही मानना पड़ता था. जिनके घर की औरते रोज ही इधर-उधर मुह मारती फिरती हों, उन्हें कभी समझ नहीं आ सकता कि - अपने पति के हत्यारों से अपनी इज्ज़त बचाने के लिए, कोई स्वाभिमानी महिला आत्मदाह क्यों कर लेती थी.
जिन माता "सती" के नाम पर, पति की खातिर आत्मडाह करने वाली स्त्री को सती कहा जाता है उन माता सती ने भी अपने पति के जीते जी ही आत्मदाह किया था. सती शिव पत्नी "सती" द्वारा अपने पति का अपमान बर्दास्त नहीं करना और इसके लिए अपने पिता के यग्य को विध्वंस करने के लिए आत्मदाह करना , पति के प्रति "सती" के समर्पण की पराकाष्ठ माना गया था. इसीलिये पतिव्रता स्त्री को सती कहा जाता है. जीवित स्त्रियाँ भी सती कहलाई जाती रही है .
"सती" का मतलब होता है, अपने पति को पूर्ण समर्पित पतिव्रता स्त्री. सती अनुसूइया, सती सीता, सती सावित्री, इत्यादि दुनिया की सबसे "सुविख्यात सती" हैं और इनमें से किसी ने भी आत्मदाह नही किया था. हमें गर्व है भारत की उन महान सती स्त्रियों पर, जो हर तरह से असहाय हो जाने के बाद, अपने पति के हत्यारों से, अपनी इज्ज़त बचाने की खातिर अपनी जान दे दिया करती थीं.

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