Tuesday, 10 May 2022

यौन अपराध रोकने के लिए वैश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए ?

हो सकता है नैतिकता की दुहाई देने वालों को पहली नजर में मेरी यह बात भले ही गलत लगे, लेकिन गंभीरता से बिचार करने पर इसमे आपको समाज की भलाई ही नजर आयेगी. इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि- विवादास्पद बिषय पर पोस्ट होने के बाबजूद, इस मुद्दे को बिना चर्चा के एकदम से खारिज नहीं किया जाना चाहिए

आजतक दुनिया के किसी भी देश में, किसी भी काल में, किसी भी कठोर से कठोर कानून से वैश्यावृत्ति नहीं रुक सकी है. कठोर कानून से वेश्याओं और उनके ग्राहकों का शोषण ही होता है. इसे अगर कानूनी मान्यता देदी जाए तो वेश्याओं का शोषण तथा सामान्य महिलाओं और बच्चियों का बलात्कार, दोनों रुक सकते है.
मुझे लगता है कि - यदि हवसवाली मानशिकता के लोगों को कुछ पैसे खर्च कर, अपनी हवस को पूरा करने का साधन मिल जाए, तो सामान्य महिलाओं के प्रति होने वाले बलात्कार जैसे अपराधों में भारी कंमी आ सकती है. निर्भया केस वाले अपराधियों ने भी स्वीकारा था कि- वे लोग सड़क पर पहले कालगर्ल को ही ढूंढ रहे थे.
इस बिषय पर समाज और सरकार को गंभीरता से बिचार करना चाहिए. भले ही बहुत सारे लोग इस पोस्ट को देखकर नाक-भौं सिकोड़ें. लेकिन यहाँ पंजाब में, मैं ऐसे अनेकों तथाकथित शरीफ (?) लोगों को जानता हूँ जो इस काम के लिए हजारों / लाखो रूपए खर्च करके, मौज मस्ती करने बैंकाक जाते है.
ऐसा नहीं कि- आज की तारीख में, देश में वैश्यावृत्ति नहीं हो रही है. शायद ही कोई ऐसा शहर या क़स्बा होगा जहाँ चोरी छुपे यह धंधा न चल रहा हो. चोरी छुपे होता है तो अपराधी माफिया नियंत्रित करता है और पुलिस कमीशन लेती है.और वैश्याए तथा ग्राहक दोनों ही माफियाओं और पुलिस के द्वारा शोषण के शिकार होते हैं.
इसके लिए वेश्याओं को बाकायदा लाइसेंस दिया जाए और प्रत्येक जिले में एक क्षेत्र निर्धारित किया जाए कि - इस क्षेत्र में वैश्यावृत्ति की जा सकती है और क्षेत्र के बाहर धंधा करने पर सजा मिलेगी. इससे हवसी लोगों को पैसे खर्च करके हवस मिटाने का साधन मिल जाएगा और सभ्य समाज इन हवसियों से बचा रहेगा.
वेश्याओं का निश्चित समय पर मेडिकल हो, निर्धारित एरिया में इस सबकी छुट हो. लेकिन अगर कोई व्यक्ति निर्धारित एरिये से बाहर सभ्य समाज के बीच किसी लड़की / महिला से गलत हरकत करे या कोई महिला यह धंधा करे तो उनको बिना लम्बी कार्यवाही के जल्दी से जल्दी सजा सुनाकर फांसी पर लटका दिया जाए.

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