Friday, 1 September 2017

बेसलान स्कूल होस्टेज क्राइसेस

जेहादी आतंक से भारत सदियों से परिचित है, क्योंकि भारत इसे सदियों से झेलता आया है. यहाँ गजनी, गौरी, खिलजी, बाबर, अकबर, औरंगजेब, टीपू, नादिर, अब्दाली, दाऊद, कसाब, आदि के अनगिनत जुल्मो के किस्सों से भारत का इतिहास रक्त रंजित है. भारत जब भी दुनिया को अपने ऊपर हुए जुल्म के बारे में बताता था तो अमेरिका, रूस, जैसे शक्तिशाली और तथाकथित मानवाधिकारवादी(?) देश, भारत को ही संयम की सीख देने लगते थे.

जब पिछले दशकों में, शेष विश्व भी इस जेहादी आतंक की चपेट में आया, तब दुनिया को इस आतंक की भयावहता का अहेसास हुआ है. जब खुद उनपर जेहादी हमले हुए तब उन्हें भारत का दर्द समझ आया. यूँ तो दुनिया में एक से बढ़कर एक भयंकर जेहादी हमले हुए हुए हैं जिनमे लाखों लोग मर चुके हैं, लेकिन रूस के "बेसलान" के एक स्कूल में जिस तरह का हमला हुआ था, उसके बारे में सुनकर तो पत्थरदिल इंसान की भी रूह काँप जाती है.
रूस के एक शहर "बेसलान" में, बच्चो के एक स्कूल पर हुआ यह "जेहादी हमला", दुनिया का सब से बड़ा. क्रूर और दिल दहलाने वाला नरसंहार था. मासूम बच्चो के साथ किये गया यह "सेक्शुअल नरसंहार" इतना शर्मनाक और दर्दनाक था. कि - पूरी दुनिया सन्न रह गयी थी. इस घटना के बाद रूस से अपने यहाँ मुस्लिमो पर कई प्रतिबन्ध लगा दिए थे, लेकिन भारत में सरकार ने जनता तक इस घटना की पूरी जानकारी नहीं पहुँचने दी.
बच्चों के स्कूल पर हुआ यह "जेहादी" हमला "बेसलान स्कूल क्राइसेस" के नाम से कुख्यात है. 1 सितम्बर 2004 को "बेसलान" के एक स्कुल में, कुछ इस्लामी आतंकवादी अचानक घुस गए और घुसते ही पुरुषों का मार दिया, ताकि किसी तरह के प्रतिरोध की संभावना ना रहे. ये जेहादी आतंकी, आतंकवाद से भी ज़्यादा दरिंदगी दिखना चाहते थे. स्कूल में 3 से 8 साल तक बच्चे थे. वो जेहादी उन सभी बच्चों को स्कूल के जिम हॉल में ले गये.
इसके बाद बच्चों की चीखती आवाज़ें, इनके ज़ुल्म के आगे दब कर रह गयी. बारी बारी से 3 से 8 साल की एक एक बच्ची के साथ, कई कई आतंकवादियों ने बलात्कार किया. इन हैवानों ने न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि बच्चों के गुप्तांगों में अपने बंदूक और अन्य वस्तुओं को घुसेड़ा और दूसरे सारे बंधक बच्चों को ये सब देखने को मजबूर किया गया. जितना बच्चों से खून निकलता, ये हैवान उतनी ही ज़ोर जोर से कहकहे लगाते थे.
हथियार के गुप्तांगों में डालने के वजह से, हथियार भी खून से सन गये थे. इस सब से भी उन जालिमो का जी नहीं भरा तो उन छोटे-छोटे बच्चों को बुरी तरह पीटा भी. बहुत सारी बच्चियां ब्लीडिंग और दर्द की वजह से उसी समय मर गयी. जेहादियों ने मासूम बच्चों को खूब लहू लुहान किया और खूब ठहाके लगाए . जैसे-जैसे समय बीता उनके ज़ुल्म और बढ़ते गये. बच्चों के पानी मांगने पर पानी की जगह, अपना पेशाब पीने पर मजबूर किया.
आतंकवादियों ने बच्चों के सामने पानी के बर्तन को रख दिया और कहा जो इसको पीने आएगा उसको मैं गोली मार दूँगा. इसके बाद बच्चों को मे अपनी मौत का ख़ौफ़ समा गया . बच्चे डर कर चिल्ला भी नही पा रहे थे क्योकि ऐसा करने पर उनको मारा पीटा जाता. अब तक स्कूल के बाहर भीड़ लग चुकी थी. आतंकी अंदर से खड़े हो कर नगरवासियों पर कॉमेंट करते हुए अंडे फेंकते और हँसते थे. बच्चों के उपर इनकी क्रूरता लगातार जारी रही.
रात को जेहादियों ने इन्ही मजबूर मासूम बच्चों से कहा कि - वो नंगे, खून से सने और मरे हुए, बलात्कार के शिकार बच्चों की लाशों को, घसीटकर पीछे फेंक कर आयें. इस बीच रशियन सैनिकों ने स्कूल को घेर लिया और पहले उनसे समझौते की कोशिशें की जिससे बच्चों को बचाया जा सके. आतंकियों ने साफ कर दिया था कि - अगर गैस का इस्तेमाल हुआ या बिजली काटी गयी तो वो तुरंत बच्चों को मार देंगे.
इस बीच रूस की सब से अच्छी फोर्स "Alpha and Vympel" आ चुकी थी. रूसी विशेष बलों ने विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए स्कूल पर हमला कर दिया . इस हमले में टैंक, बंदूक, बम, राकेट्स , सभी इस्तेमाल किये गए. स्पेशल फोर्स के कमांडोज ने अपनी जान पर खेल कर हमला किया लेकिन उस अभागे दिन सिर्फ़ रक्तपात के सिवा कुछ भी हासिल नही हो पाया. 334 लोग मारे गये, जिस मे से 186 छोटे-छोटे मासूम बच्चे थे.
247 बच्चे जो गंभीर रूप से घायल थे, उनको इलाज के लिए मास्को भेजा गया. सुरक्षा बल के सैनिक भी मारे गये थे. बच्चों की लाशें और उनकी दुर्दशा को देख कर उनके माँ बाप के चीख पुकार और रोने की आवाज़ से पूरा इलाक़ा दहल उठा. जो बच्चे स्कूल से निकल रहे थे सब खून से सने हुए थे. लाशों के ढेर लगे थे. ऐसा घिनौना काम केवल शैतान ही कर सकते हैं. भारत के इतिहास में भी ऐसी क्रूरता की कहानिया शैतानों से ही जुडी हुई है.
गुरु गोविन्द सिंह के बच्चों को ज़िंदा दीवार में चुनवाना, मोतीराम मेहरा के बच्चों को कोल्हू में पेरना, बन्दा बहादुर के बेटे को बाप की आँखों के सामने काटकर, बेटे का दिल निकाल कर बाप के मुह में जबरन ठूंसना, इस्लाम कबूल न करने वाले माँ-बाप के बच्चों को काटकर उनके अंगों की माला बनाकर माँ-बाप के गले में डालना, माँ की गोद से बच्चे को छीनकर बच्चे को उछालकर बल्लम की नोक पर लेना तो, भारत ने भी देखा है.
मैंने उस वीभत्स घटना को साधारण शब्दों में लिखा है , और ज्यादा वीभत्स चित्र यहाँ नही डाले हैं. आप को एक बार गूगल पर जाकर "beslan school hostage crisis" लिखकर सर्च करना चाहिए. सर्च करते ही आपको उस घटना का विवरण और चित्र सामने आ जायेंगे.  उस घटना का विवरण और चित्र देखकर समझ आजाएगा कि ये जेहादी आतंकी की नीचता की किस हद तक जा सकते हैं.

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