Saturday, 22 November 2025

संघ गीत : ऐ हिन्द तेरी शान तों जाना लुटावांगे

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥


बन्दे ने धरम रखिआ – जीवन नू वार के

दसवें पिता ने दस्सिया – सरवंश वार के

रक्खी सी लाज धरम दी – अजीत जुझार ने

साडे वी सीनियां दे विच – उठदे उबाल ने

असी लाडले दशमेश दे बण के विखांवांगे ली

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥


जालिम ने भगत सिंह ने फांसी चढ़ा दित्ता

भारत दा शेर आखरी नींदे सुला दित्ता

पर ओह तां हस्स के देश तो कुरबान हों गिआ

परवानां अपणी कौम तो बलिदान हो गिआ

कुरबानीयां दा पाठ वी दिल नूं पढ़ावांगे

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥


चमकी जो बिजली वांग ओह झांसी दी रानी सी

जननी दे प्यार विच जो होई दीवानी सी

दुश्मन दे मार मार के छक्के छुड़ाए सी

घानां दे घान मार के धरती ते लाहे सी

प्रचण्ड ओस चण्डी नूं करके विखावांगे

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥


राणा ने उमर जंगलां दे विच गुजारी सी

खातर धर्म ते देश दे जिन्दड़ी वी वारी सी

शिवा ने मां तों सिखिया कुरबान होवना

प्यारे धर्म ते देश तो बलिदान होवना

सारे जग ते फेर तों भगवा लहरावांगे

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

ऐ हिन्द तेरी शान तो जानां लुटावांगे।

दुनियां नू तेरी रक्खिया कर के विखावांगे॥

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