Monday, 3 June 2024

कांग्रेसी प्रोपेगण्डे की पोल

जब सोशल मीडिया नहीं था और सरकारी मीडिया कांग्रेस सरकार के नियंत्रण में था, तब कांग्रेस ने सत्ता और धन की ताकत के बल पर बहुत सारे प्रोपेगण्डे चला लिए. हिंदू महासभा / हिन्दुस्तान सोशलिष्ट रिपब्लिक आर्मी / आजाद हिन्द फ़ौज / आरएसएस / बीजेपी जिस पर जो चाहा वो आरोप लगा लिया तथा अपनी कायरता को अहिंसा साबित कर लिया.

लेकिन अब सोशल मिडिया के जमाने में उनका हर प्रोपोगंडा फेल हो जाता है. सोशल मीडिया पर कांग्रेस के प्रोपोगंडों की पोल देश की जनता ही खोल देती है. भाजपा या संघ को कुछ कोई जबाब देने की जरूरत ही नहीं पड़ती. ऐसा ही एक प्रोपोगंडा कांग्रेस ने चलाया था कि - जब देश अंग्रेजों से लड़ रहा था तब आरएसएस वाले रानी को सलामी दे रहे थे
आरएसएस के एक कार्यक्रम की फोटो को उठाकर उसमे फोटोशॉप द्वारा इंग्लैण्ड की रानी को जोड़ दिया और यह जताने की कोशिश की कि - जिस समय अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी उस समय इंग्लैण्ड की रानी एलिजावेथ भारत में आई थी और आरएसएस वालों ने इंग्लैण्ड की रानी एलिजावेथ को शाखा में बुलाकर सलामी दी थी.
उस फोटो को दिखाकर परिवार विशेष के गुलाम लोग, स्वयंवकों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब इनसे पूंछा जाता है कि- क्या यह बता सकते हो कि इंग्लैण्ड की कौन सी रानी किस सन में भारत में आई थी और किस शहर की किस शाखा में गई थी ? तब ये लोग जबाब देने के बजाये इधर उधर भागने लगते है.
सबसे पहले तो यह जान ले कि- इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी 6 फरवरी,1952 को हुई थी और तब तक भारत को ब्रिटिश शासन से आजाद हुए लगभग साढ़े चार साल हो चुके थे. एलिजाबेथ द्वितीय पहली बार 1961 में भारत आई थीं और उस समय उसका स्वागत कांग्रेस ने किया था और वे उन्हें किसी शाखा में लेकर नहीं गए थे.
दरअसल जिस फोटो से एलिजावेथ द्वितीय की फोटो को उठाकर आरएसएस की फोटो में जोड़ा गया है, वह 1956 में नाइजीरिया की फोटो है. फोटो में सलामी देते लोग संघ स्वयंवक नहीं बल्कि नाइजीरियाई सैनिक हैं. एलिजाबेथ द्वितीय 1956 में काडुना एयरपोर्ट पहुंची थीं तो नाइजीरियाई सैनिकों ने उन्हें सलामी दी थी.

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