हिमलयं समारभ्य यावत इन्दुसरोवरं ।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते।।
(ऋग्वेद - ब्रहस्पति अग्यम)
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते।।
(ऋग्वेद - ब्रहस्पति अग्यम)
इसका अर्थ है - "हिमालय से इंदु सरोवर तक देव निर्मित देश को हिंदुस्थान कहते हैं". हिन्दू, हिन्दुस्थान, हिन्द महासागर (इंदु सरोवर), आदि शब्दों का प्रयोग तो ऋग्वेद में भी हुआ है और यह तो सबको पता है कि - ऋग्वेद दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है.
अगर कोई यह कहे कि - हिन्दू शब्द पुराना नहीं है तो उससे पूंछना कि - किसी भी भाषा, धर्म अथवा देश में ऋग्वेद से पुराना कोई ग्रन्थ है क्या ? अंग्रेजो ने जो सिन्धु और हिन्दू वाली थ्योरी दी है उसपर तर्क और तथ्य के साथ बिचार करने की जरूरत है.
क्या पूरी दुनिया में कोई ऐसा स्थान और समुदाय है जहाँ के लोगो को किसी नदीविशेष के पार रहने वालों को नदी के नाम से जाना जाता हो ? अगर यह मान भी लें कि सिन्धु के इस तरफ वाले हिन्दू कहलाते थे तो सिन्धु के उस पार वाले हिन्दू क्या कहलाते थे ?
सिन्धु नदी के उस पार बलूचिस्तान में माता हिंगलाज का मंदिर है, तो जाहिर सी बात है वहां भी हिन्दू रहते थे. सिन्धु के उस पार बहुत दूर अफगानिस्तान में भी हिन्दू रहते थे. वे जो सिन्धु के उस तरफ रहते थे उनको क्या कहा जाता था ?
फिर सिन्धु नदी दुनिया की कोई एकमात्र नदी तो है नहीं. दुनिया में सैकड़ों नदियाँ है क्या और किसी नदी के पार वालों को भी उस नदी के नाम पर बुलाया जाता है ? क्या झेलम के पार वालों को झेल्मु या गंगा के पार वालों को गंगू कहा जाता है ?
भारत की अगर छोड़ भी दें तो क्या वे अरबी लोग नील नदी के पार वालों को "नीलू" कहते थे ? क्या यूरोप वाले लोग थेम्स नदी के पार वालों को "थेम्सू" कहते थे ? क्या रूस वाले वोल्गा नदी के पार वालों को "वोल्गु "कहते थे ?
एक प्रश्न यह भी उठता है कि - पूरे भारतीयत उपमहादीप के दक्षिण में फैले समुद्र को आखिर किसके नाम पर हिन्द महासागर कहा जाता है ? वो तो सिन्धु से बहुत दूर है. अगर सिन्धु के इस पार वाले हिन्दू हैं तो को इस्लाम अपनाने के बाद वो हिन्दू क्यों नही रहे ?
अंग्रेजो द्वारा चालाई गई इस थ्योरी पर भी पुनर्विचार करने की जरूरत है
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